भारत की प्रमुख नदियाँ
हिमालय नदी प्रणाली
सिन्धु नदी प्रणाली (सिन्धु और उसकी सहायक नदियाँ)
1. सिन्धु : (विश्व की बड़ी नदियों में से एक है)
उद्गम स्थल : तिब्बत, मानसरोवर झील के पास 5,180 मीटर की ऊंचाई पर।
कुल लम्बाई : 2,880 किमी (भारत में, 709 किमी)
नदी बेसिन : 1,165,00 वर्ग किमी (भारत में 321,290 वर्ग किमी)
पर्वतीय सहायक नदियाँ : गिलगित श्योक, स्कार्दू, शिगू,
मैदानी भागों में सहायक नदियाँ : झेलम, चिनाब, रावी, सतलुज और ब्यास
2. झेलम : (कश्मीर की महत्वपूर्ण नदी और मुख्य जलमार्ग के रूप में प्रयोग की जाती है)
उद्गम स्थल : वरिनग में पीर पंजल पर्वत श्रेणी की तलहटी से निकलती है
कुल लम्बाई : 400 किमी/ नदी बेसिन : 28,490 वर्ग किमी (भारत में)
इसकी बेसिन ग्रेट हिमालय और पीर प्रांजल श्रेणी में स्थित है l
यह पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले कश्मीर और वुलर झील की घाटी से होगर बहती है।
3. चेनाब
उद्गम स्थल : हिम से ढके हुए कुल्लू पर्वत से निकलती है l
कुल लम्बाई : ग्रेटर हिमालय और पीर पंजाल के बीच से स्थित गर्त से 160 किमी, चंबा राज्य से होकर बहती है।
4. रावी
उद्गम स्थल : हिमाचल प्रदेश का कुल्लू पर्वत
कुल लम्बाई : 725 किमी/नदी बेसिन : 5,957 (भारत में)
5. सतलुज : (सिन्धु की दूसरी सबसे बड़ी सहायक नदी)
उद्गम स्थल : तिब्बत में, 4,555 मीटर की ऊँचाई पर रक्स झील में
कुल लम्बाई : 1050 किमी (भारत में)/ नदी बेसिन : 25,087 वर्ग किमी (भारत में)
यह शिपकी ला के माध्यम से भारत में प्रवेश करती है और पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले हिमाचल प्रदेश और पंजाब से होकर बहती है।
6. ब्यास
उद्गम स्थल : 4,000 मीटर की ऊंचाई पर कुल्लू पर्वत पर
कुल लम्बी : 470 किमी (भारत में)/ नदी बेसिन : 25,900 वर्ग किमी (भारत में)
यह हरिके के पास सतलुज में मिलती है
गंगा प्रणाली (गंगा और उसकी सहायक नदियाँ)
1. गंगा : देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी नामक दो प्रमुख धाराओं के मिलने से बनती है l
उद्गम स्थल : ग्रेट हिमालय की गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है l देवप्रयाग के ऊपर इसे भागीरथी कहते है और उससे नीचे यह गंगा कहलाती है l
कुल लम्बाई : इसकी कुल लम्बाई 2,525 किमी है, 1,450 किमी, बिहार में और 520 किमी पश्चिम बंगाल में l
नदी बेसिन : 838,200 वर्ग किमी, सबसे बड़ा नदी बेसिन हैं, देश के कुल भू-भाग का एक चौथाई भाग को कवर करती है l
बाएं किनारे की सहायक नदी : राम गंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, कोसी।
दायें किनारे की सहायक नदियाँ : यमुना, सोन
भागीरथी : हुगली इस नदी की पश्चिमी वितरिका (distributary) है। फरक्का से परे यह पश्चिम बंगाल में भागीरथी हुगली और बांग्लादेश में पद्मा-मेघना द्विशाखित होती l
2. यमुना : (सबसे बड़ी और गंगा की महत्वपूर्ण सहायक नदी)
उद्गम स्थल : यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है जोकि गंगा के उद्गम स्थल के पश्चिम में स्थित है l
कुल लम्बाई : अपने उद्गम स्थल से गंगा में मिलन तक 1,376 किमी l
नदी बेसिन : 3,59,000 वर्ग किमी
महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ : चंबा (विंध्य में महू से निकलती है), सिंध, बेतवा और केन
3. सोन : (गंगा के दायें किनारे की सहायक नदी )
उद्गम स्थल : अमरकंटक पठार से निकलती है l
कुल लम्बाई : 780 किमी/ नदी बेसिन : 71,900 वर्ग किमी
यह राम नगर में गंगा से मिलती है l
4. राम गंगा
उद्गम स्थल : नानितल के नजदीक में कुमाओं की पहाड़ी से निकलती है l
कुल दुरी : 690 किमी/ नदी बेसिन : 32,800 वर्ग किमी
यह छपरा (बिहार) के नजदीक गंगा के दायें किनारे से मिलती है
5. घागरा
उद्गम स्थल : गंगोत्री के पूर्व से निकलती है
कुल लम्बाई : 1,080 किमी
नदी बेसिन : 127, 500 वर्ग मीटर, इसका आधे से अधिक बेसिन नेपाल में है
यह छपरा (बिहार) के नजदीक गंगा के दायें किनारे से मिलती है
6. गंडक
उद्गम स्थल : केंद्रीय हिमालय में 7,600m की ऊंचाई पर नेपाल-चीन सीमा के निकट से निकलती l
कुल लम्बाई : 425 किमी (भारत में)/ रिवर बेसिन : 48,500, 9,500 वर्ग किमी (भारत में)
यह पूर्वी नेपाल से होकर बहती है, बिहार के चंपारण जिले में प्रवेश करती है और सोनपुर के पास गंगा के बाएं किनारे में शामिल होने के लिए दक्षिण पूर्व की ओर मुडती है l
7. कोसी : (सन कोसी, अरुण कोसी और तमुर कोसी के संगम से बनती है)
उद्गम स्थल : (नेपाल तिब्बत और सिक्किम के शिखर से निकलती है)
कुल लम्बाई : 730 किमी (भारत में)/ नदी बेसिन : 86,900, 21,500 वर्ग किमी (भारत में)
यह पूर्वी नेपाल से होकर बहती है, बिहार सहरसा जिले में प्रवेश करती है और भागलपुर (बिहार) के नीचे गंगा के बाएं किनारे में मिलती है। नदी को बिहार का दुख कहा जाता हैं, यह अपनी बाढ़ के लिए कुख्यात है।
8. दामोदर (बंगाल का दुःख)
उद्गम स्थल : पलामू जिले के छोटा नागपुर के पठार (झारखंड) से निकलती है,
कुल लम्बाई : 541 किमी/नदी बेसिन : 22,000 वर्ग किमी
यह पश्चिम बंगाल में भागीरथी हुगली में मिलती है
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