Sunday, 14 February 2016

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SSC और रेलवे भर्ती परीक्षा के लिए इतिहास प्रश्नोत्तरी

1. भारत के किस वायसराय के कार्यकाल के दौरान महान शहीदों भगत सिंहराजगुरु और सुखदेव फांसी दी गई थी?
(a) लॉर्ड कर्जन 
(b) लॉर्ड इरविन   
(c) लॉर्ड मिंटो   
(d) लॉर्ड चेम्सफोर्ड  


2. नवंबर1919 को दिल्ली आयोजित किये गए अखिल भारतीय खिलाफत सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में निम्नलिखित में से किसने चुना गया?
(a) मोतीलाल नेहरू  
(b) महात्मा गांधी 
(c) एम.ए जिन्ना  
(d) शौकत अली

3. निम्नलिखित में से कौन कैबिनेट मिशन का सदस्य नहीं था?
(a) सर स्टैफोर्ड क्रिप्स   
(b) ए वी अलेक्जेंडर 
(c) रेड्क्लिफ्फ़
(d) पथ विक्क लॉरेंस (Pethwick Lawrence)  

4. लार्ड माउंटबेटन जब स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरलत थे तो समय  निम्नलिखित में से किसने पाकिस्तान का गवर्नर जनरल बनाया गया?
(a) लार्ड माउंटबेटन 
(b) एम.ए. जिन्ना 
(c) लियाकत अली खान 
(d) शौकत अली 

5. आजाद हिंद फौज की स्थापना कहां हुई ?
(a) जापान में  
(b) बर्मा में  
(c) सिंगापुर में  
(d) इंग्लैंड में

6. आईएनए का प्रसिद्ध ट्रेल लाल किले चलाया गया था____
(a) 1945 में
(b) 1946 में
(c) 1944 में
(d) 1947 में

7. ‘A nation in the making’ पुस्तक के रचनाकार थे?  
(a) दीनबन्धु मित्र
(b) बाल गंगाधर तिलक 
(c) सुरेंद्रनाथ बनर्जी 
(d) सुभाष चंद्र बोस

8. निम्न कथनों पर ध्यान दें____
1. गांधी-इरविन पैक्ट
2. पहले गोलमेज सम्मेलन 
3. साइमन कमीशन 
4. पूना पैक्ट 
इन घटना क्रमों का सही कालक्रम है____
(a) 1-4-3-2
(b) 2-1-3-4
(c) 3-2-1-4
(d) 2-3-1-4

9. दी गयी इतिहासिक घटनायों का निम्न में से कौन-सा कालक्रम सही है?
(a) सविनय अवज्ञा, आंदोलन, क्रिप्स मिशन, कैबिनेट मिशन प्लान
(b) क्रिप्स मिशन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, कैबिनेट मिशन प्लान
(c) क्रिप्स मिशन, कैबिनेट मिशन प्लान, सविनय अवज्ञा आंदोलन
(d) सविनय अवज्ञा आंदोलन, कैबिनेट मिशन प्लान, क्रिप्स मिशन

10. गाँधी जी ने ‘करों या मरों’ का नारा किस आन्दोलन के दौरान दिया?  
(a) खेड़ा सत्याग्रह 
(b) असहयोग आंदोलन
(c) सविनय अवज्ञा आंदोलन
(d) भारत छोड़ो आंदोलन 

उत्तर 
1. A
2. A
3. A
4. A
5. C
6. A  
7. A
8. B
9. A
10. C

Tuesday, 9 February 2016

प्रागैतिहासिक काल पर नोट्स

प्रागैतिहासिक काल पर नोट्स

प्रिय पाठकों,
यहाँ हम आप को प्राचीन भारत के इतिहास से सम्बंधित प्रागैतिहासिक काल के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं l रेलवे भर्ती परीक्षा के दृष्टि से यह विषय आपके लिए काफी उपयोगी होगी l   

प्राचीन भारत


प्राचीन भारत के इतिहास का  उस समय के लोगो द्वारा प्रयोग किये जाने वाले पत्थरों/धातुयों के आधार पर पाषाण काल, मध्य पाषाण, नवपाषाण और ताम्रपाषाण युग के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है l 20 लाख साल (2 मिलियन वर्ष) पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप में थे आदि मानव (होमो इरेक्टस) निवास करते करते थे और 70,000 ई.पू. होमो सेपियन्स निवास करते थे l यह एकत्र होकर शिकार किया करते थे l भारतीय उपमहाद्वीप की प्रथम निवासी नागा (उत्तर-पूर्व), संथाल (भारत-पूर्व), भील (सेंट्रल भारतीय), गोंड (मध्य भारत), टोडा (दक्षिण भारत) आदि की तरह आदिवासियों गया हो सकते है, विड़ और आर्य उप-महाद्वीप में बाद में आये,  जिन्हें आप्रवासियों माना जाता है।           

पाषाण काल अवधि (2 लाख ईसा पूर्व - 10,000 ईसा पूर्व)




आग,
उपकरण, चूना पत्थर का बना हुआ है
शुतुरमुर्ग के अंडे,
महत्वपूर्ण पाषाण काल साईट : भीमबेटका (मध्य प्रदेश), हुन्स्गी  कुरनूल गुफाएं, नर्मदा घाटी (हथनोरा, मध्य प्रदेश), क्लादगी बेसिन

मध्य पाषाण काल (10,000 ईसा पूर्व - 8000 ई.पू.)




प्रमुख जलवायु परिवर्तन इसी काल में हुए l
धरेलू जानवरों के पालन शुरू हुआ
ब्रह्मगिरि (मैसूर), नर्मदा, विंध्य, गुजरात में इसके साक्ष्य मिले हैं l

नवपाषाण काल (8000 ई.पू. - 4000 ई.पू.)

कृषि की शुरुआत

पहिये की खोज
इनामगाँव = प्रारंभिक गांव
महत्वपूर्ण नवपाषाण साइटें : बुर्ज़ाहोम (कश्मीर), गुल्फ्रल (कश्मीर), मेहरगढ़ (पाकिस्तान), महाग्र (उत्तर प्रदेश), चिरांद (बिहार), दोजली हडिंग (त्रिपुरा/असम), कोल्दिहवा (उत्तर प्रदेश), महगारा (उत्तर प्रदेश), हलपुर (आंध्रप्रदेश), पैयाम्पल्ली (आंध्रप्रदेश), मसकी कोदेकल, संगना कलर, उतनुर, तक्कला कोटा l
ताम्र युग : (4000 BC – 1,500 BC)



ताम्र युग, इसे कांस्य युग भी माना जाता है l (कांस्य = ताम्र + टीन)  
संस्कृतियों ब्रह्मगिरि, नेवादा टोली (नर्मदा क्षेत्र), महिषादल  (पश्चिम बंगाल), चिरांद  (गंगा क्षेत्र)


लौह युग (ईसा पूर्व 1500 - 200 ई.पू.)

वैदिक काल (। - ईसा पूर्व 600 यानी ईसा पूर्व 1600 आर्यों के आगमन), लगभग 1000 साल (हिंदू धर्म के मूल पुस्तकें, वेद  जोकि  बाद में लिखे गयें होंगे) -
पूर्व वैदिक काल (1000-600 ईसा पूर्व)



- पूर्व वैदिक काल-यह PGW (Painted Grey Ware)- लौह युग
- ये दो सागरों के विषय में जानते थे-अरब सागर और हिन्द महासागर l
- गंडक सदानीरा (Sadanira)  के रूप में जाना जाता था
- महिलाओं की स्थिति ठीक नहीं थी
- चार आश्रम और जीवन की चार अवस्थायों के विषय में विवरण जबाला उपनिषद् में मिलता है l
समाज

आठ प्रकार के विवाह विधान थे
1. ब्रह्मा : एक ही वर्ण में विवाह वैध था l
2. देवा (Daiva) : पिता ने शुल्क के एक भाग के रूप में पुजारी को अपने बेटी देता था l
3. अरसा (Arsa) : एक गाय और एक बैल की कीमत दहेज के रूप में दिया जाती थी l
4. प्रजापति : बिना दहेज़ के किया गया विवाह l 
5. गंधर्व: आधुनिक प्रेम विवाह के अनुरूप दो दलों की सहमति से।
6. असुर: खरीद से विवाह
7. राक्षस: कब्जा से विवाह
8. पैशाचा (Paishacha) : मानसिक रूप से विक्षिप्त या नशे की हालत में किसी लड़की से विवाह करना l 

वर्ण के आधार पर विवाह
1. अनोलुमा (Anuloma) : किसी व्यक्ति का अपने वर्ण या उससे निम्न वर्ण में शादी करना l 
2. प्रतिलोम : अपने वर्ण से नीचे की लड़की से शादी करना
राज्यव्यवस्था

'राष्ट्र' का प्रयोग  सबसे पहले इस अवधि में किया गया l
अर्थ शास्त्र : चावल को व्रीही कहा जाता था l
- -निक्ष, सत्माना, क्र्सनाला-जैसी इकाइयों को प्रयोग मूल्य ज्ञात करने के लिए जाता है, उस समय सिक्कों को चलन नहीं था  

मिट्टी के चार प्रकार बर्तन
- काले और लाल बर्तन
- काले और चिकने बर्तन
- भूरे रंग की चित्रकारी  
- लाल रंग की चित्रकारी 

धर्म
प्रजापति (निर्माता) सर्वोच्च स्थान पर था l
- रुद्र और विष्णु ने उनकी स्थिति प्राप्त की
 वेद : पहले तीन वेदों को तराई कहते थे l




ऋग्वेद - यह सबसे प्राचीन वेद है। इसमें देवताओं के गुणों का वर्णन और प्रकाश के लिए मन्त्र हैं - सभी कविता-छन्द रूप में ।
सामवेद - इसमें यज्ञ में गाने के लिये संगीतमय मन्त्र हैं।
यजुर्वेद - इसमें कार्य, यज्ञ की प्रक्रिया के लिये गद्यात्मक मन्त्र हैं।
अथर्ववेद - इसमें गुण, धर्म, आरोग्य, यज्ञ के लिये कवितामयी मन्त्र हैं 

उपनिषद
उपनिषद (रचनाकाल 1000 से 300 ई.पू. लगभग) कुल संख्या 108। भारत का सर्वोच्च मान्यता प्राप्त विभिन्न दर्शनों का संग्रह है। इसे वेदांत भी कहा जाता है। उपनिषद भारत के अनेक दार्शनिकों, जिन्हें ऋषि या मुनि कहा गया है, के अनेक वर्षों के गम्भीर चिंतन-मनन का परिणाम है। उपनिषदों को आधार मानकर और इनके दर्शन को अपनी भाषा में रूपांतरित कर विश्व के अनेक धर्मों और विचारधाराओं का जन्म हुआ। उपलब्ध उपनिषद-ग्रन्थों की संख्या में से ईशादि 10 उपनिषद सर्वमान्य हैं। उपनिषदों की कुल संख्या 108 है। प्रमुख उपनिषद हैं- ईश, केन, कठ, माण्डूक्य, तैत्तिरीय, ऐतरेय, छान्दोग्य, श्वेताश्वतर, बृहदारण्यक, कौषीतकि, मुण्डक, प्रश्न, मैत्राणीय आदि।

वेदांग
- शिक्षा (फोनेटिक्स)
- कल्पा (कर्मकांडों विज्ञान)
- ज्योतिष (खगोल)
- व्याकरण
- निरुक्त (व्युत्पत्ति)
-  छंद  (मैट्रिक्स)

उपवेद 
- आयुर्वेद
-  धर्नुर्वेदा 
-  गन्धर्ववेदा 
- शिल्पा वेद

भारत की प्रमुख नदियाँ

भारत की प्रमुख नदियाँ

नदियों के विषय में जानकारी





हिमालय नदी प्रणाली 
सिन्धु  नदी प्रणाली  (सिन्धु और उसकी सहायक नदियाँ)



1. सिन्धु : (विश्व की बड़ी नदियों में से एक है)
उद्गम स्थल : तिब्बत, मानसरोवर झील के पास 5,180 मीटर की ऊंचाई पर।  
कुल लम्बाई : 2,880 किमी (भारत में, 709 किमी) 
नदी बेसिन : 1,165,00  वर्ग किमी (भारत में 321,290 वर्ग किमी)  
पर्वतीय सहायक नदियाँ : गिलगित श्योक, स्कार्दू, शिगू,  
मैदानी भागों में सहायक नदियाँ : झेलम, चिनाब, रावी, सतलुज और ब्यास

2. झेलम  : (कश्मीर की महत्वपूर्ण नदी और मुख्य जलमार्ग के रूप में प्रयोग की जाती है) 
उद्गम स्थल : वरिनग में पीर पंजल पर्वत श्रेणी की तलहटी से निकलती है 
कुल लम्बाई : 400 किमी/ नदी बेसिन : 28,490 वर्ग किमी (भारत में) 

इसकी बेसिन ग्रेट हिमालय और पीर प्रांजल श्रेणी में स्थित है l 

यह पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले कश्मीर और वुलर झील की घाटी से होगर  बहती है।


3. चेनाब 
उद्गम स्थल : हिम से ढके हुए कुल्लू पर्वत से निकलती है l   
कुल लम्बाई : ग्रेटर हिमालय और पीर पंजाल के बीच से स्थित गर्त से 160 किमी,  चंबा राज्य से होकर बहती है।

4. रावी 
उद्गम स्थल : हिमाचल प्रदेश का कुल्लू पर्वत 
कुल लम्बाई : 725 किमी/नदी बेसिन : 5,957 (भारत में)  

5. सतलुज : (सिन्धु की दूसरी सबसे बड़ी सहायक नदी) 
उद्गम स्थल : तिब्बत में, 4,555 मीटर की ऊँचाई पर रक्स झील में  
कुल लम्बाई : 1050 किमी (भारत में)/ नदी बेसिन : 25,087 वर्ग किमी (भारत में)  
यह शिपकी ला के माध्यम से भारत में प्रवेश करती है और पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले हिमाचल प्रदेश और पंजाब से होकर बहती है।

6. ब्यास
उद्गम स्थल : 4,000 मीटर की ऊंचाई पर कुल्लू पर्वत पर  
कुल लम्बी : 470 किमी (भारत में)/ नदी बेसिन : 25,900 वर्ग किमी (भारत में)   

यह हरिके के पास सतलुज में मिलती है

गंगा प्रणाली  (गंगा और उसकी सहायक नदियाँ)

1. गंगा : देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी नामक दो प्रमुख धाराओं के मिलने से बनती है l  
उद्गम स्थल : ग्रेट हिमालय की गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है l देवप्रयाग के ऊपर इसे भागीरथी कहते है और उससे नीचे यह गंगा कहलाती है l 
कुल लम्बाई : इसकी कुल लम्बाई 2,525  किमी है, 1,450 किमी, बिहार में  और 520 किमी पश्चिम बंगाल में l   
नदी बेसिन : 838,200 वर्ग किमी, सबसे बड़ा नदी बेसिन हैं, देश के कुल भू-भाग का एक चौथाई भाग को कवर करती है l  
बाएं  किनारे की सहायक नदी : राम गंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, कोसी। 
दायें किनारे की सहायक नदियाँ : यमुना, सोन 
भागीरथी : हुगली इस नदी की पश्चिमी वितरिका (distributary) है। फरक्का से परे यह पश्चिम बंगाल में भागीरथी हुगली और बांग्लादेश में पद्मा-मेघना द्विशाखित होती l  

2. यमुना : (सबसे बड़ी और गंगा की महत्वपूर्ण सहायक नदी) 
उद्गम स्थल : यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है जोकि गंगा के उद्गम स्थल के पश्चिम में स्थित है l   
कुल लम्बाई : अपने उद्गम स्थल से गंगा में मिलन तक  1,376 किमी l 
नदी बेसिन : 3,59,000 वर्ग किमी  

महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ : चंबा (विंध्य में महू से निकलती है), सिंध, बेतवा और केन 

3. सोन : (गंगा के दायें किनारे की सहायक नदी )
उद्गम स्थल : अमरकंटक पठार से निकलती है l 
कुल लम्बाई : 780 किमी/  नदी बेसिन : 71,900 वर्ग किमी  

यह राम नगर में गंगा से मिलती है l 

4. राम गंगा 
उद्गम स्थल : नानितल के नजदीक में कुमाओं की पहाड़ी से निकलती है l 
कुल दुरी : 690 किमी/ नदी बेसिन : 32,800 वर्ग किमी   
यह छपरा (बिहार) के नजदीक गंगा के दायें किनारे से मिलती है  

5. घागरा
उद्गम स्थल :  गंगोत्री के पूर्व से निकलती है 
कुल लम्बाई : 1,080 किमी  
नदी बेसिन : 127, 500 वर्ग मीटर, इसका आधे से अधिक बेसिन नेपाल में है   

यह छपरा (बिहार) के नजदीक गंगा के दायें किनारे से मिलती है

6. गंडक
उद्गम स्थल : केंद्रीय हिमालय में 7,600m की ऊंचाई पर नेपाल-चीन सीमा के निकट से निकलती l 
कुल लम्बाई : 425 किमी (भारत में)/ रिवर बेसिन : 48,500, 9,500 वर्ग किमी (भारत में) 

यह पूर्वी नेपाल से होकर बहती है, बिहार के चंपारण जिले में प्रवेश करती है और सोनपुर के पास गंगा के बाएं किनारे में शामिल होने के लिए दक्षिण पूर्व की ओर मुडती है l 


7. कोसी : (सन कोसी, अरुण कोसी और तमुर कोसी के संगम से बनती है)
उद्गम स्थल : (नेपाल तिब्बत और सिक्किम के शिखर से निकलती है)
कुल लम्बाई : 730 किमी (भारत में)/ नदी बेसिन : 86,900, 21,500 वर्ग किमी (भारत में)
यह पूर्वी नेपाल से होकर बहती है, बिहार सहरसा जिले में प्रवेश करती है और भागलपुर (बिहार) के नीचे गंगा के बाएं किनारे में मिलती है। नदी को बिहार का दुख कहा जाता हैं,  यह अपनी बाढ़ के लिए कुख्यात है।
  

8. दामोदर (बंगाल का दुःख)
उद्गम स्थल : पलामू जिले के छोटा नागपुर के पठार (झारखंड) से निकलती है, 
कुल लम्बाई : 541 किमी/नदी बेसिन : 22,000 वर्ग किमी  
यह पश्चिम बंगाल में भागीरथी हुगली में मिलती है

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HI FRIENDS WELCOME YOU ALL WE ARE AGAIN BACK WITH NEW VISION 
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